Monday, September 29, 2025
Homeउत्तरकाशीगंगोत्री धाम में नहीं खुलेगा शराब का ठेका, डीएम उत्तरकाशी ने स्थगित...

गंगोत्री धाम में नहीं खुलेगा शराब का ठेका, डीएम उत्तरकाशी ने स्थगित कराई प्रक्रिया

उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम में शराब की दुकान का मुद्दा – एक समुदाय की आवाज़

उत्तरकाशी में हाल ही में गंगोत्री धाम में शराब की दुकान खोलने की योजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जिसे अब स्थगित कर दिया गया है। यह मामला 22 मार्च को पहली बार सामने आया जब यह खबरें सुर्खियों में आईं कि गंगोत्री धाम में शराब का ठेका खोला जाएगा। इस मुद्दे ने ना केवल स्थानीय निवासियों, बल्कि श्रद्धालुओं और मंदिर समिति के सदस्यों को भी चिंतित कर दिया।

गंगोत्री धाम, जो कि हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, वहां शराब की दुकान खोलने का प्रस्ताव जैसे ही सामने आया, एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं पर गहरा आघात लगा। स्थानीय निवासियों और तीर्थ पुरोहितों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के पास जाकर ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें इस कदम को तीर्थ स्थल की पवित्रता के खिलाफ बताया गया था।

प्रतिक्रिया स्वरूप, जिलाधिकारी उत्तरकाशी मेहरबान सिंह बिष्ट ने तुरंत इस मामले में कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने आबकारी विभाग को स्थिति स्पष्ट करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी। जिलाधिकारी की तत्परता और स्थानीय लोगों के संघर्ष के बाद, जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार ने एक पत्र भेजकर यह जानकारी दी कि नव सृजित विदेशी मदिरा दुकान की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।

यह कदम स्थानीय लोगों के लिए राहत की खबर साबित हुआ। यह साबित करता है कि प्रशासन जब जनता के विरोध को गंभीरता से लेता है, तो सही निर्णय लिया जा सकता है। गंगोत्री जैसे धार्मिक स्थल पर शराब की दुकान खोलने के विरोध में उठी आवाज़ों को प्रशासन ने सुना और उसकी संवेदनशीलता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की।

अब गंगोत्री धाम में शराब की दुकान का सवाल खत्म हो गया है, लेकिन इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि स्थानीय समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है। इस निर्णय से न केवल स्थानीय निवासियों को शांति मिली, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और धाम की पवित्रता को भी सुरक्षित रखा गया।

उत्तरकाशी में हुई इस कार्रवाई से यह सिखने को मिलता है कि जनता की आवाज़ सुनना और संवेदनशील मुद्दों पर तत्काल निर्णय लेना ही एक जिम्मेदार प्रशासन की पहचान होती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments