चमोली।
उत्तराखंड का थराली क्षेत्र इन दिनों भीषण आपदा की चपेट में है। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश और भू-स्खलन (लैंडस्लाइड) ने यहां के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है, नदियों और गाड़-गदेरे उफान पर हैं, जिससे हालात और अधिक गंभीर बन गए हैं।
सड़कों पर आवागमन ठप
थराली के कई हिस्सों में भूस्खलन से सड़कों पर मलबा जमा हो गया है। देवाल-थराली मार्ग, घाट-ग्वालदम मार्ग सहित अन्य आंतरिक सड़कों पर यातायात घंटों तक बाधित रहा। कई जगहों पर भारी वाहनों का आना-जाना पूरी तरह बंद है, जबकि हल्के वाहन भी जोखिम उठाकर ही गुजर पा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में संकट
ग्राम पंचायतों के तहत आने वाले दूरस्थ गांवों में हालात और अधिक खराब हैं। कई गांवों में बिजली व संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं। राशन और दवाइयों की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। ग्रामीणों को बुनियादी जरूरतों के लिए दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
प्रशासन अलर्ट पर
चमोली जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन दल को अलर्ट पर रखा है। स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है। संवेदनशील इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों की परेशानी
थराली निवासी बताते हैं कि इस साल की बरसात ने जीवन को असामान्य बना दिया है। खेतों में फसलें बर्बाद हो रही हैं, पशुधन को चारा-पानी की किल्लत हो रही है और बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है। कई घरों में पानी घुस गया है जिससे लोग अस्थायी शरण स्थलों में रहने को मजबूर हैं।
सरकार से मदद की अपील
स्थानीय लोग सरकार से राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द सड़क, बिजली और संचार बहाल हो ताकि सामान्य जीवन वापस पटरी पर लौट सके। साथ ही, जिन परिवारों का घर या खेत आपदा में प्रभावित हुआ है, उन्हें तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए।